बुद्ध पूर्णिमा 2021 कब है इसका शुभ मुहूर्त, तिथि और पूजा विधि क्या है जानें। (बैशाखी पूर्णिमा)

Buddha Purnima 2021 कब है? बैशाखी पूर्णिमा की पूजा विधि क्या है? बैशाखी पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त कब है? बैशाखी पूर्णिमा की तिथि कब है? बुद्ध पूर्णिमा कब है? आप सब को पता ही है हिंदू धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म होता है। इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते है। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 26 मई 2021 को है। हिंदू धर्म के अनुसार गौतम बुद्ध क़ो भगवान श्री कृष्ण का 9 वाँ रूप मानते है।

इस बार पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लगेगा। जिससे इस दिन का बहुत महत्व बढ़ गया है। इस बुद्ध पूर्णिमा को वैशाखी पूर्णिमा भी कहा जाता है।

शास्त्रों के अनुसार, इस दिन दान-पुण्य किया जाता है जिससे बहुत लाभ मिलता है। तो आइए जानते है बुद्ध पूर्णिमा के बारें में.

Buddha Purnima 2021 kab hai vaishakhi purnima

Buddha Purnima कब है 2021 | बैशाखी पूर्णिमा कब है 2021 में।

इस साल की पूर्णिमा तिथि 26 मई 2021 को है। इस दिन बुधवार है। यह बुद्ध पूर्णिमा मंगलवार रात को 8 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर बुधवार शाम को 4 बजकर 43 मिनट तक रहेगी।

वैशाखी पूर्णिमा का व्रत 26 मई 2021 को ही रखा जाएगा और “बुद्ध पूर्णिमा” भी इसी दिन है।

वैशाखी पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण कब से कब तक रहेगा।

इस साल का सबसे पहला चंद्र ग्रहण लगेगा जो वैशाखी पूर्णिमा के दिन होगा। यह चंद्र ग्रहण 26 मई को दोपहर 2 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 19 मिनट तक होगा।

बैशाखी पूर्णिमा क़ा महत्व क्या है।

इस दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा की जाती है। इस दिन लोग व्रत भी रखते है। जिससे सभी लोगों की मनोकामनाएँ पुरी होती है।

बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और मुहूर्त क्या है।

बुद्ध पूर्णिमा तारीक 26 मई 2021 बुधवार
पूर्णिमा तिथि शुरू 25 मई 2021 को रात 8:29 से
पूर्णिमा तिथि समाप्त 26 मई 2021 को शाम 4:43 तक

बैशाखी पूर्णिमा पूजा विधि | Vaishakhi Purnima Puja Vidhi in Hindi

  • सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करना चाहिए ( आप पानी में गंगाजल भी डाल सकते है)
  • फिर घर के मंदिर में दीपक जलायें।
  • उसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • फिर भगवान सत्यनारायण की कथा करें।
  • रात को चंद्रमा की पूजा करें और उन्हें अर्ध्य दें।
  • फिर भगवान विष्णु को भोग लगायें।
  • उसके बाद जरुरतमंदों को भोजन करा कर उन्हें दान दें।
  • फिर खुद भोजन करें।

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